कभी मैं रूठ जाऊं तो….
कभी मैं रूठ जाऊं तो मनाने पास आते हो।
कभी होती नजर से दूर तो तुम ढूंढ लाते हो
यही तो है अनोखा प्यार जो सबको नहीं मिलता
तुम्हें भूला न पाऊं क्योंकि इतना याद आते हो।
निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’
कभी मैं रूठ जाऊं तो मनाने पास आते हो।
कभी होती नजर से दूर तो तुम ढूंढ लाते हो
यही तो है अनोखा प्यार जो सबको नहीं मिलता
तुम्हें भूला न पाऊं क्योंकि इतना याद आते हो।
निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’