पद्य साहित्य “हाइकू” *महातम मिश्र 08/02/2017 इंसान हिला जब धरती हिली मन हिला क्या॥-1 पुरानी बात पहाड़ों की सौगात वर्फ पिघला॥-2 गम गुबार मचा हाहाकार कुछ बदला॥-3 शांत निराशा प्रिय अभिलाषा बैरन यादें॥-4 वापस आओ हरियाली बिछाओ बाग लगाओ॥-5 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी