कविता

प्रेम

मन से मन का मेल हुआ , प्रीत हर दिल में पले
राज ने रानी को देखा , आँखो में अब दीप जले

यूँही दिल में प्यार बढे , नयनो की भाषा मिले
पूर्ण अब हो प्रेम मेरा , प्रीत का कमल खिले

पढ़कर के गीत-ग़ज़ल , हर दिल के फूल खिले
स्वर्ण सा चमके प्यार , राज प्रीत की डगर चले

मिलन की आग में जले , जब दो प्रेमी के दिल
मधुर मिलन की आस में , मिलना चाहाँ हर पल

लबो पर तेरी थी प्यास , अब मेरे होंटो पर पले
‘राज-रानी’ के मिलन से , हर कोने में दीप जले

✍?..राज मालपाणी
शोरापुर – कर्नाटक

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143