“हाइकु”
कोई तो आए
मेरी प्यास बुझाए
सूखे अधर॥-1
डोलता मन
मचलता फागुन
कोरी चुनर॥-2
परदेश में
मेरे बालम सखी
बैरन रेल॥-3
फागुन होली
लाली धानी रंगीली
घूँघट खोली॥-4
रंग बरसे
पिया घर आँगन
आओ होरी में॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
कोई तो आए
मेरी प्यास बुझाए
सूखे अधर॥-1
डोलता मन
मचलता फागुन
कोरी चुनर॥-2
परदेश में
मेरे बालम सखी
बैरन रेल॥-3
फागुन होली
लाली धानी रंगीली
घूँघट खोली॥-4
रंग बरसे
पिया घर आँगन
आओ होरी में॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी