परमार्थ
वृक्ष देता है हमें
आॅक्सीजन,फूल और फल ।
नदियाँ देती हैं हमें
खाद्य पदार्थ और निर्मल जल ।।
प्रकृति हमको देती सब कुछ,
निःस्वार्थ भाव से, है सरल ।
परहित करती न स्वार्थ वश,
सुंदर, सरस, है निर्मल ।।
प्रकृति परोपकार,परहित को
सर्वस्व समर्पित करती ।
अपनी ममता की छाँव तले
प्राणियों का मन हरती ।।
हम मनुज भी करें
परमार्थ काज ।
निःस्वार्थ सेवा करें,
धरें निज की लाज ।।
– नवीन कुमार जैन