रोजगार सृजन
आज समाज मे वेरोजगारी एक भयावह समस्या का रूप लेती जा रही है।नव युवक पढ़ने लिखने के बाद नौकरी की लालच मे दर दर की ठोकरें खाने को विबस होते हैं।शिक्षा लेंने के बाद भी आत्मनिर्भरता नही आतिऔर दूर पर ही नर्भर रहना पड़ता है अब प्रश्न ये उठता है की क्या हम अपने बच्चों को इसीलिए पढ़ाते हैं की वे नौकर बनें या मालिक ? पच्चीस वर्षों तक हम केवल किताबी ज्ञान की कराते हैं जब बच्चे की सीखने की आयु समाप्त होती है तब हम उससे धनार्जन करने की कला सीखने पर दबाव देते है इस तरह की शिक्षा भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देती है।जिस पढ़े लिखे व्यक्ति को धन कमाने का तरीका ज्ञात नही होगा वह दूर से धोखा धड़ी करके ही पैसा कमाने की चेष्टा करेगा जैसा आज हो रहा है।……