कविता

तनहाई तनहाई

अक्सर रातों को
मेरी तन्हाइयों में
धीरे से चुपके से
तुम आते हो
मुस्कुराते हो
और यह कहकर
चले जाते हो कि
फिर आऊंगा
रातों को
तुम्हारी तन्हाइयों
में धीरे से
चुपके से…

मोनिका अग्रवाल

मोनिका अग्रवाल

मुझे अपने जीवन के अनुभवों को कलमबद्ध करने का जुनून सा है जो मेरे हौंसलों को उड़ान देता है.... मैंने कुछ वर्ष पूर्व टी वी व सिनेमाहाल के लिए कुछ विज्ञापन करे हैं और गृहशोभा के योगा विशेषांक में फोटो शूट में भी काम करा है।मैं कंप्यूटर से स्नातक हूं। मेरी कविताएँ वर्तमान अंकुर, हमारा पूर्वांचल ,लोकजंग, हमारा मैट्रो, गिरिराज,पंजाब केसरी,दैनिकजागरण,मेरठ से प्रकाशित सुजाता मैग्जीन आदि में प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा वेब पत्रिका "हस्ताक्षर", "अनुभव","खुश्बू मेरे देश की" आदि में भी मेरी कविताओं को स्थान मिला है । साथ ही अमर उजाला, रूपायन,गृहशोभा , सरिता, मेरी सखी, फेमिना आदि मेरी कुछ कहानी ,लेख और रचनाओं को भी जगह मिली है। पता- कुमार कुंज जी एम डी रोड मुरादाबाद पिन -244001 9568741931 [email protected]