नारी शक्ति
ईश्वर ने भी इस नारी का सदा किया सम्मान
धन की देवी लक्ष्मी शक्ति दुर्गा की पहचान
हर परीवार का अनमोल गहना है नारी शक्ति
हर घर को स्वर्ग बनाए करके अब हरी भक्ति
बलिदान जिनकी भावना है उनको नारी कहते
नारी शक्ति का सम्मान स्वयं ईश्वर भी करते
अजन्मे बालकों का पालन अपने पेठ में करती
अपने ममता तले हर बच्चों का ब्रह्ममंड रचाती
नौ महीने तक हर कष्ट उठाकर सहेती है नारी
कभी बेटी तो कभी पत्नी और कभी माँ है नारी
श्रुष्ठी की जीवित देवी ‘माँ’ हर नारी कहलाती
लाल ख़ून परिवर्तित कर सफ़ेद दूध है पिलाती
शरीर का पोषण कर के बच्चों को बड़ा बनती
मर्दोको बनाने से मर्द बनाने तक रिश्ता निभाती
माँ रूपी नारी शक्ति को “राज” प्रणाम करता
‘अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर बधाई मैं देता
— राज मालपाणी
शोरापुर – कर्नाटक