कविता

कविता- पहली बूँद

तुम पहली बूँद हो ‘,बारिश की
क्या जानो क्या, चीज हो तुम
मै प्यासा, जलता जून रहा
निकली पहली, बीज हो तुम
मन नाच रहा, मयूर सा बन
मेरी मोरनी सी, संगीत हो तुम
मै दिन-दिन, भूखा रहा करा
मेरी भूखी-प्यासी तीज हो तुम
मै प्रेम पुजारी, हारा सा
अब हर पल मेरी जीत हो तुम।

हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से