कविता : ऐसा क्यों होता है?
ऐसा क्यों होता है?
किसान के पसीनों से
उसके बच्चों की रोटी क्यों नहीं बनती?
उसी के पसीनों से
अमीरों के बच्चों के पेट कैसे भरते हैं?
मजदूर के लहू से
उसके घर में रौनक क्यों नहीं आती?
उसी के लहू से
अमीरों के घर में रंग कैसे उभरते हैं?
— नलिका दुलांजली