सपने!
सीढ़ियाँ यू ही नही, बनी होगी,
कोई तो होगा जिसने की,
सोच-सोच कर,मुकाम बनाये होंगे!
सपने सजाये होगे !!
लोग तो हार जाते है,मजाक बनते ही,
लोग छोड़ देते है,किसी के हंसते ही ,
कोई तो होगा, जिसने हौसले बढाये होंगे!
सपने सजाये होंगे!!
तेरा हंसना ,किसी को दर्द दे देता है,
तेरा रोना किसी को,सूकून देता है,
किसी ने जरूर,मरहम लगाये होंगे !
सपने सजाये होंगे!!
गिर जाना,और उठ जाना तेरा,
किसी की तरफ,आस से तकना तेरा
किसी ने तो,अंगूली पकड़ चलाये होंगे !
सपने सजाये होंगे !!
यूँ तो हर कोई, नादान आता है,
और धीरे-धीरे मुकाम पाता है,
किसी ने तो कच्चे, घड़े पकाये होगे!
सपने सजाये होंगे!!
हृदय जौनपुरी