कविता

सपने!

सीढ़ियाँ  यू ही नही, बनी होगी,

कोई तो होगा जिसने की,

सोच-सोच कर,मुकाम बनाये होंगे!

सपने सजाये होगे !!

 

लोग तो हार जाते है,मजाक बनते ही,

लोग छोड़ देते है,किसी के हंसते ही ,

कोई तो होगा, जिसने  हौसले बढाये होंगे!

सपने सजाये होंगे!!

 

 

तेरा हंसना ,किसी को दर्द  दे देता है,

तेरा रोना किसी को,सूकून  देता है,

किसी ने जरूर,मरहम लगाये होंगे !

सपने सजाये  होंगे!!

 

गिर जाना,और उठ जाना तेरा,

किसी की तरफ,आस से तकना तेरा

किसी ने तो,अंगूली पकड़  चलाये होंगे !

सपने सजाये  होंगे !!

 

यूँ  तो हर कोई, नादान आता है,

और धीरे-धीरे मुकाम  पाता है,

किसी ने तो कच्चे, घड़े पकाये होगे!

सपने सजाये  होंगे!!

 

हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से