कविता

हरसिंगार

हरसिंगार की  खुश्बू

रातों को महकाती
निगाहे ढूंढती फूलों को
जो रात भर  खुश्बू
बाटते रहे बन दानकर्ता
गिरे फूल बिछ जाते कालीन
कही पावों में छाले ना पड़े
मेरे मेहबूब के  पावों में
मौसम  के घरों में
कुछ  समय रहेंगे
दिन में  बेघर होंगे
मासूम हरसिंगार
खुश्बू का उपहार लाए
मोहब्बत करने वालों के लिए
अनजान भोरे भी सो  गए
दिन के  उजालो में वे
खुश्बुओं का  पता पूछ रहे
डाली -डाली पत्तों से
भ्रमर ,भ्रम में  पड़े
सोचते ,मोहब्बत रातों को भी
पहरा देती
संजय वर्मा ‘दृष्टी ‘
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*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच