कविता

कविता- यादें!!

आवो कुछ भूली बिसरी बात करें।

क्या खोया क्या पाया, वो बात करें।।

बचपन का जीवन-रोते-हंसते बीता ।

राहों में मस्ती, स्कूल में डरते बीता।।

कभी भरी दुपहरी , खेला बागों में ।

कभी गाय संग बीता, बाल गोपाल में।।

वैभव में बीता या, जिया गरीबी में ।

सचमुच वैसा मजा नहीं अमीरी में ।।

आवो कुछ भूली बिसरी बात करें।

क्या खोया क्या पाया बात करें ।।

गोबर से लीपे, रहते, आँगन बाडे मे ।

मगरू संग आग सेकते, सब जाडे में ।।

जो भी गुजरे , राम-राम हो जाती थी ।

दौड़ लगा मिलती, डाक की पाती थी ।।

कोई माता हाल जान, रो पडती थी।

कोई बहन भाई का खत ले अकडती थी।।

बिरहन कैसे पूछे , पिया का हाल डरें ।

आवो कुछ भूली-बिसरी बात करें ।।

कितना वजन होता था, इँसानी बात में।

जब रहता था संयुक्त परिवार साथ में ।।

अब तो सब नकली है-किसको साथ कहें।

आवो कुछ भूली-बिसरी बात करें ।।

— हृदय जौनपुरी

हृदय नारायण सिंह

मैं जौनपुर जिले से गाँव सरसौड़ा का रहवासी हूँ,मेरी शिक्षा बी ,ए, तिलकधारी का का लेख जौनपुर से हुई है,विगत् 32 बरसों से मैं मध्यप्रदेश के धार जिले में एक कंपनी में कार्यरत हूँ,वर्तमान में मैं कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हूँ,हमारी कंपनी मध्य प्रदेश की नं-1 कम्पनी है,जो कि मोयरा सीरिया के नाम से प्रसिद्ध है। कविता लेखन मेरा बस शौक है,जो कि मुझे बचपन से ही है, जब मैं क्लास 3-4 मे था तभी से