कविता

क्या क्या दिखाऊ क्या क्या छुपाऊ

कई आगें सुलग रही सीने में
कौन सी बुझाऊ
कई दर्द छुपे सीने में
कौन कौन सी दिखाऊ!

गमों में मन उलझा है
कौन सा गम भूलाऊ
तुमको भूलना चाहती हूँ
पर खुद को भूल गई !

जख्म इतने गहरे है
मरहम भी बेकार हुआ
मैं भँवर में फंस गई हूँ
और मुझ में मन !

— कुमारी अर्चना

कुमारी अर्चना

कुमारी अर्चना वर्तमान मे राजनीतिक शास्त्र मे शोधार्थी एव साहित्य लेखन जारी ! विभिन्न पत्र - पत्रिकाओ मे साहित्य लेखन जिला-हरिश्चन्द्रपुर, वार्ड नं०-02,जलालगढ़ पूर्णियाँ,बिहार, पिन कोड-854301 मो.ना०- 8227000844 ईमेल - [email protected]