कविता

माँ

माँ तुम मेरी मुरत है,
हम बच्चों की तुम जरूरत है!
मिल जाय चाहे कितने भी यार,
अनमोल है माँ तेरा प्यार!
माँ मेने एक कविता चुना है,
मेरा आँगन आज बहूत सुना है!
नदिया से बड़ा समंदर हे,
तेरी छवि मेरे दिल में है!
माँ मेने मीठा प्यार तेरा पाया है,
आज ढूढ रहा हूँ तेरा छाया हे!
माँ तुम मेरे स्वपन में आई,
ढेर से खिलौनों तुम लाई!
आपने हमे हलवा बहुत खिलाया,
अच्छी स्कूल में दाखिला दिलाया!
तुम हो प्यार की नदिया,
साक्षी है ये सारी दुनिया!
तेरा साथ था कितना प्यारा,
कम लगता है जीवन सारा!
तुम्हें आना पड़ेगा दुनिया में दोबारा,
माँ तेरा साथ हे कितना प्यारा,
जीवनकी नैया पार हे करना,
प्रभु गुलाब चंद की माँ मत मरना!

गुलाब चंद पटेल

गुलाब चन्द पटेल

अनुवादक लेखक कवि व्यसन मुक्ति अभियान प्रणेता गुलाबचन्द पटेल गांधीनगर मो,9904480753 वेब. vysanmukti.webnode.com ईमेल [email protected]