कंगाली
दोस्त ने दोस्त से पूछा कैसा है उसका हाल
यह जानते हुए भी कि उसकी ज़िंदगी है बेहाल
फटी जेब सी ज़िंदगी जी का है जंजाल
रेज़गारी गिनी तो जाना कितना हूँ कंगाल।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
दोस्त ने दोस्त से पूछा कैसा है उसका हाल
यह जानते हुए भी कि उसकी ज़िंदगी है बेहाल
फटी जेब सी ज़िंदगी जी का है जंजाल
रेज़गारी गिनी तो जाना कितना हूँ कंगाल।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”