छोटी सी खुशी
“आप अपनी माँ को समझाते क्यों नहीं ,बुढा़पे में भी मियां बीवी प्रेमी युगल की तरह घूमने का कार्यक्रम बना रहें है क्या ये सब…” सीमा राजीव के
माता पिता पर बेकार के आक्षेप लगा रही थी ।
“तुम्हें तो कुछ सुनना नहीं पड़ता बच्चे व पडौसी क्या सोचेगें ।मेरे माँ बाऊजी ने तो ये सब कभी न किया और पैकेज लेने से पहले मुझसे सलाह क्यों नहीं ली।”अब सीमा के स्वर में तल्खी सी थी ।
काफी देर सुनने के बाद राजीव ने तस्वीर दिखाते हुये कहा “ये देखो तुम्हारे माँ बाऊजी की तस्वीर और ये आईडिया भी मुझे साले साहब व बच्चों ने ही दिया है क्या हम उन्हें जीवन संध्या में इतनी खुशी भी नहीं दे सकते?”
“माँ पापा से कहना ऐसी ही एक फोटो वे भी खिचवायें ।”सीमा के भाव अब बदल चुके थे।
अल्पना हर्ष