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मजदूर दिवस पर लाल कला मंच की ओऱ से काब्य निशा आयोजित

 

नई दिल्ली। अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर लाल कला मंच,नई दिल्ली  की ओऱ से एक काब्य निशा का आयोजन मीठापुर चौक पर किया गया जिसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी का. जगदीश चंद्र शर्मा तथा इस काब्य निशा की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी लोक नाथ शुक्ला ने की। इस काब्य निशा की शुरुआत लाल बिहारी लाल के सरस्वती वंदना से हुई-ऐसा माँ वर दे विद्या के संग-संग सुख समृद्धि से सबको भर दे। इस कड़ी को आगे बढ़ाया के.पी.सिंह कुंवर ने मजदूरो के स्वाभिमान की ओर इशारा करते हुए कहा कि-हाथ और हिम्तवाले  है ,लक्ष्मी पास जरुर नहीं.,जैसा चाहो हमें हाँक लो,ऐसे भी मजबूर नहीं।। इस कड़ी को आगे बढाया-मास्टर नानक चंद जी ने कहा कि- भोर रुआंसा,संध्या काली है,उनके बासन में जगह खाली है। वही मा. गिरीराज गिरीश ने कहा कि- दीन मानव आज भी पाषाण – युग में रह रहे।हैं कहां आराम इनको दुख सारे सह रहे।। वही असलम जावेद ने कहा कि अगर हम एक हो जाये मिटा के फर्क यारों । फजा जन्नत निशा हो जाये अपने इस वतन के। वही इस कडी को आगे बढ़ाया आकाश पागल ,सुरेश मिश्र अपराधी,मा. कृपा शंकर ने। अंत में लाल कला मंच के संस्थापक सचिव दिल्ली रत्न लाल बिहारी लाल ने मजदूरों की दशा एवं दिशा पर दोहा के रुप में कहा कि– पल-पल करते चाकरी ,रोटी खातिर रोज। लाल जाने कब मिलेंगे,जीवन में सुख भोग।। अंत में दणिणी दिल्ली सी.पी.आई एम के सचिव  का. जगदीश चद्र शर्मा ने को मजदूर दिवस की महता पर प्रकाश डाला। उपाध्यक्ष मलखान सैफी ने भी मजदुरों के हीत की बात कही । अध्यक्षता कर रहे लोक नाथ शुक्ला ने सभी कवियों को हार्दिक धन्यवाद दिया।

 इस अवसर पर  कार्यक्रम के अंत में  लाल बिहारी लाल को आर्य समाज  सभा ,पश्चिमी दिल्ली की ओऱ से असलम जावेद एवं अतिथियों द्वारा  पटका एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित भी किया गया।

— रवि शंकर

लाल बिहारी गुप्ता लाल

जन्म : 10 अक्टूबर 1974 जन्म स्थान : ग्राम+पो. श्रीरामपुर, भाया - भाथा सोनहो, जिला-सारण (छपरा), बिहार-841460 माता : (स्व.) मंगला देवी पिता : (स्व.) सत्य नरायण साह पत्नी : श्रीमती सोनू गुप्ता संतान : पुत्र ज्येष्ठ—रवि शंकर (11वीं अध्ययनरत); कनिष्ठ—कृपा शंकर (11वीं अध्ययनरत) शिक्षा : स्नातकोत्तर (एम.ए.)-हिन्दी सम्प्रति : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उद्योग भवन, नई दिल्ली में कार्यरत संपादित कृतियाँ : 1. समय के हस्ताक्षर (2006) 2 लेखनी के लाल (2007) 3 माटी के रंग (2008) 4 धरती कहे पुकार के (2009) तथा कोलकाता से प्रकाशित हिन्दी साहित्यिक पत्रिका “साहित्य त्रिवेणी” के पर्यावरण विशेषांक का संपादन (2011) भाषा ज्ञान : हिन्दी, भोजपुरी एवं अंग्रेजी विशेष : हिन्दी एवं भोजपुरी की कविताएँ एवं गीत देश के विभिन्न साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहती हैं। लाल कला साहित्य एवं सामाजिक चेतना मंच (रजि.) बदरपुर, नई दिल्ली-110044 के संस्थापक सचिव। भोजपुरी गीतों का आडियो एवं वी.सी.डी. टी. सीरीज, एच. एम. वी., वीनस सहित देश की कई नामी-गिरामी कंपनियों से बाजार में हैं। संपर्क : 265 ए / 7, शक्ति विहार, बदरपुर, नई दिल्ली - 110044 फोन : 098968163073 // 07042663073 ई-मेल : [email protected], [email protected]