प्यार भर किस्सा
प्यार भर किस्सा सुनाया है मुझे
फिर खिलौना सा बनाया है मुझे
भर नजर जब भी तुझे देखा तभी
हुस्न तेरा तो लुभाया है मुझे
ख्वाहिशें होने लगी पूरी तभी
खास सपना जब दिखाया है मुझे
खेलता मुझसे रहा है अब तलक
आज क्यों तूने रूलाया है मुझे
धड़कने हर नाचने मेरी लगी
जब गले तूने लगाया है मुझे
हो गयी बैचेन तेरे ही लिए
बाहु पाशों में बँधाना है मुझे
तू फिदा जो हो गया मुझ पर तभी
नैन काजल सा लगाया है मुझे
लोग कहते क्या नहीं मुझको पता
सत्य बातों को बताना है मुझे
साथ तेरा मधु निभायेगी सदा
रोज हर तुझको सताना है मुझे
डॉ मधु त्रिवेदी