भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा करने वाला कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद का इमाम बरकाती अब तक आजाद क्यों ?
इमाम बरकाती का हैरत अंगेज फतवा – भाजपा और संघ का समर्थन करने वाले मुस्लिमों को इस्लाम से बेदखल कर दिया जाएगा | इतना ही नहीं तो ममता राज में उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उसने सीधे सीधे भारत के खिलाफ ही जिहाद की घोषणा कर दी तथा एक और पाकिस्तान बनाने की धमकी दे डाली ।
कोलकाता से उपेंद्र भारती की रिपोर्ट
फतवा फैनटिक कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम, सैयद मोहम्मद नूर रहमान बरकाती ने अपने “विवाह और फतवा केंद्र” से एक और फतवा जारी किया कि आरएसएस और भाजपा का समर्थन करने वाले मुस्लिमों को मुस्लिम समुदाय से निकाल दिया जाएगा।
बरकाती ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “शाही इमाम के रूप में मैं घोषित करता हूं कि आरएसएस या भाजपा का समर्थन करने वाले मुस्लिमों को बेदखल कर दिया जाएगा और अगर वे इस जगह के आसपास भी कोई बैठक या रैली करने का प्रयास करेंगे तो मैं खुद उनकी पिटाई करूंगा” ।
उसने कहा कि बहुत से मुस्लिम हैं, जिन्हें आरएसएस और भाजपा ने बहुत अधिक धनराशि दी है, ताकि वे उनकी शाखा में शामिल होकर पूरे बंगाल में दंगे फैला सकें। “संघ परिवार पूरे देश में हिंदुत्व का अपना एजेंडा चला रहा है और अगर कोई भी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश करेगा तो जैसा जिहाद अफगानिस्तान और दुनिया भर में देखा गया, यहाँ भारत में भी जिहाद होगा ।
कारों में लाल बत्ती का इस्तेमाल ना करने की केंद्र सरकार की पहल से चिढ़े हुए बरकाती ने कहा कि ‘उसके महान दादा को पहले ब्रिटिश वाइसराय ने कार में लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी | जो नियम ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं, उन्हें ख़त्म करने की कोई तुक नहीं है’ ।
जब उससे सवाल किया गया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी उन्हें कार में लाल बत्ती की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, भड़के हुए बरकाती ने जबाब दिया, “क्या यह कलकत्ता उच्च न्यायालय सरकार का है? भारत का है ? इसे भी अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था, अतः इसे जमींदोज कर क्या नया बनाएंगे ? ” न्यायपालिका का मजाक उड़ाते हुए बरकाती ने अपनी कार से लालबत्ती हटाने से साफ़ इनकार करते हुए कहा, कि यह ब्रिटिश नियम है, जिससे मुझे प्रधान मंत्री मोदी भी रोक नहीं सकते |
भारत के कुछ राज्यों में बीफ़ प्रतिबंध, अजान की आलोचना और मुस्लिम पर्सनल लॉ में सरकारी हस्तक्षेप से खफा बरकाती ने भारत में रहने वाले 25-30 करोड़ मुसलमानों की ताकत का उल्लेख करते हुए, एक और पाकिस्तान बनाने या पाकिस्तान में शामिल होने की सार्वजनिक धमकी दी | कुल मिलाकर उसके बयानों में सीधे सीधे जिहादी कट्टरपंथ की गूंज थी।
दिलचस्प बात यह है कि पहली बार बरकाती ने सीधे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कोई टिप्पणी की | बरकाती ने कहा, “वह कुछ भी नहीं कर रही है। अपनी जवानी में उसने मटन (खासी) बिरियांनी और सब कुछ (बीफ भी) खाया। अब, वह केवल शासा और मुरी (ककड़ी और फूला हुआ चावल) लेती हैं। लेकिन, हम कैसे केवल इस पर गुजारा कर सकते हैं ? ”
साथ ही बरकाती ने “इण्डिया टुडे” को दिए अपने साक्षात्कार में यह खुलासा भी किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने उन्हें सामान्य रूप से लालबत्ती का इस्तेमाल करने रहने के लिए कहा है | स्मरणीय है कि इमाम बरकाती ममता बनर्जी के सहयोग से ही अपने घर में ‘विवाह और फतवा केंद्र’ चला रहा है ।
पार्थ चट्टोपाध्याय, मदन मित्रा, शोवन चटर्जी, फिरहाद हाकिम, सुब्रतो चट्टोपाध्याय जैसे तृणमूल के दिग्गज भी बरकाती द्वारा ममता का मजाक बनाये जाने को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं ।
बंगाल में मुस्लिम लीग की स्थापना, 1905 में हुई थी तथा उसने 1947 में भारत के विभाजन का भी समर्थन किया था, जिसके चलते पाकिस्तान बना । अब बरकाती सहित टीएमसी के कई नेता एक बार फिर बैसी ही राष्ट्रघाती परिस्थितियों के पुनर्निर्माण में जुट गए हैं | अगर टीएमसी को “टोटल मुस्लिम कांग्रेस” कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।
ममता बनर्जी ने अपनी माँ-माटी-मानुश की बोतल से, वोट बैंक की राजनीति के तहत इन जिहादी भूतों को बाहर निकाला है | जब तक उनकी नीतियाँ केवल मदरसा-मस्जिद और मुसलमान तक सीमित हैं, इन भूतों को वापस बोतल में पहुंचना बहुत मुश्किल है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि निम्न धाराओं के अंतर्गत बरकाती को अविलम्ब हिरासत में लिया जाना चाहिए –
धारा 295 ए के तहत [किसी धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य]; धारा 121 [भारत सरकार के विरूद्ध युध्द की घोषणा, या युद्ध को बढ़ावा देने का प्रयास करना]; 124A। [देशद्रोह]; 195A। [किसी व्यक्ति को झूठी गवाही देने के लिए धमकाना] आदि ।
सुनिये इमाम बरकाती का पूरा बयान –