अनजान रहने दो…
कुछ अनजान चेहरे हैं , उन्हें अनजान रहने दो,
उन्होंने खुद बनायीं है वही पहचान रहने दो ।
ये दो चेहरों वाला जादू दिखाना बंद करो ,
ये जो इंसान जैसे हैं उन्हें इंसान रहने दो।
आईना दिखाओगे तो बुरा मान जायेंगे ,
नए नए मेहमान हैं , मेहमान रहने दो।
दरिया ए इश्क़ में डूबो और पार हो जाओ ,
फ़क़त अरमान भर सा है , इसे अरमान रहने दो।
चेहरे से पढ़ी जा सकती हैं तुम्हारी सब गलतियां
ये दिल बेज़ुबां सा है, बेज़ुबान रहने दो।
– विजय गौत्तम ?