मुक्तक/दोहा

“हाइकू मुक्तक”

शीर्षक- दंगा/झगड़ा/फसाद आदि

 

रोते झगड़े, विलखते झगड़े, किसके हाथ

यह फसाद, बिगड़ते रिश्ते, किसके साथ

दंगे दर्पण, समर समर्पण, अंधे तूफान

काया सुंदर, नटखट मंजर, कौन अनाथ॥-1

 

झगड़े बोलें, अपने मुख खोलें, कहते सार

मिले फसाद, हों घर बरबाद, जुड़ते तार

आग लगी है, उड़ चली हवा है, तपती आँच

दंगे सपने, हैं किसके अपने, मौन बीमार॥-2

 

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ