“देशज गीत”
जेठ दुपहरिया छँहाइ ल, मोरे ननदी के भैया……
ननदी के भैया मोरे ननदी के भैया……जेठ दुपहरिया मनाई ल,…..मोरे ननदी के भैया….
ननदी के भैया मोरे सासू के छैया
जेठ जेठानी के नटखट बलैया
पसिजल पसीना सुखाइ ल,…….. मोरे ननदी के भैया……..1
दूर हुए मोसे मात पितु भैया
दूध पिला के मोर लाली गैया
नइहर नेवता पठाइ द,…… मोरे ननदी के भैया…….2
सुंदर सपनवा दिखाय दिए सैंया
गुलाब घर अँचरा सजाय दिए दैया
गोतीन के खबरी सुनाइ द, …………..मोरे ननदी के भैया…….3
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी