प्रो. नित्यानंद पाण्डेय को पं. मदनमोहन मालवीय पुरस्कार
नई दिल्ली। असम विश्वविद्यालय के शिक्षाविद प्रोफेसर नित्यानंद पाण्डेय को पहला ‘पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्कार’ से विगत 30 मई को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया। इस वर्ष पहली बार ‘पंडित मदनमोहन मालवीय पुरस्कार’ की घोषणा हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु दिया जाने वाला यह पुरस्कार इस वर्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय को उनके उत्कृष्ट योगदानों के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार की घोषणा पिछले 10 अप्रैल को की गई थी जिसे 30 मई को प्रदान किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से प्रदत्त यह पुरस्कार केन्द्रीय हिंदी संस्थान द्वारा दिया गया है। इसे राष्ट्रपति भवन के दरबार हाँल में महामहिम के द्वारा प्रदान किया गया है। इसके मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर थे। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति-पत्र के साथ ही पाँच लाख रूपए की नकद धनराशि दी गई है।
प्रोफेसर पाण्डेय असम विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में अध्यक्ष है। इनका जन्म स्थान उत्तर-प्रदेश के देवरिया जिले का भाटपार रानी है। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की तथा प्रथम सेवा नागपुर विश्वविद्यालय में दी। माता श्रीमती किशोरी देवी और पिता पंडित विद्याधर पांडेय की संतति प्रो. नित्यानन्द पाण्डेय का विवाह उत्तर-प्रदेश के कुशीनगर जिला के तमकुहीरोड (सेवरही) में स्व. पं. सुदामा शुक्ल व स्व. लतिका शुक्ला की पुत्री डाँ.. शुभदा पांडेय से हुआ। डाँ.. शुभदा पाण्डेय देश-विदेश में प्रतिष्ठा प्राप्त एक सुपरिचित साहित्यकार हैं। प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय अपने सादगी पूर्ण जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं। बचपन से भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद जी व्यक्तित्व से प्रभावित रहने वाले प्रो पाण्डेय को उसी राष्ट्रपति भवन में सम्मान मिला।यह उनके लिए खुपशी की बात है।
प्रस्तुति-लाल बिहारी लाल