“मुक्तक”
“मुक्तक”
सैयां गए परदेश सखी सुन
इतर लगाए गणवेश सखी सुन
केहि विधि जतन करूँ रंग अंगा
चिठिया न लिखे उपदेश सखी सुन॥-1
डगर विदेशी प्रथमेश सखी सुन
सुंदर सजना जिग्नेश सखी सुन
छोड़ि गए मोही मोह मोहाए
रूपक ललना लवलेस सखी सुन॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी