आंसू
बहुत कर ली कोशिशें
ध्यान तुझसे हटाऊँ
और कान्हा में लगाऊं
इस दोराहे से निकल
एक राह अपनाउँ
पर अपने भीगे गालों को कैसे सहलाऊँ
इन बहते आंसुओं को कैसे बहलाऊँ
उसका प्रेम भी आंसू
तेरा प्यार भी आंसू
दोनों ही परिणाम
दर्द और आंसू
मुश्किल तो तब और भी
ज्यादा हो जाती है
जब यह समझ नहीं आता ए महेश
कि कौन से आंसू की वजह
मेरा परवरदिगार है
कौन से आंसू में….मेरा यार है
#महेश