पर्यवरण
क़ुदरत के विधा होते है व्रक्ष विलक्षण
दारोहर को बचाये रखना अपना लक्षण
व्रक्षो से धरती को सजाने का ले प्रण
व्रक्षो की कमी से संकट होगा हर क्षण
सुंदर शोबित, सुरक्षित रहे आपनी धरा
व्रक्षो से सजी रहे हमारी प्यारी वसुंदरा
पर्यावरण को बचाना मानवता का धर्म
व्रक्षारोपण कर रखे पृथ्वी को हरा भरा
कोई भी इन व्रक्षो को क्षति न पहुचाए
इस सुंदर दारोहर को धरा से न गवाए
ईनी से मिलती है हमको स्वच्छन्द हवा
देश व्रक्ष बचाने का सक्त नियम बनाए
अपनी प्रकृति पर संकट ख़ूब घहराया
इस कूकृत्य को हम इंसानो ने रचाया
आधुनिकरण की दौड़ कटते रोज़ व्रक्ष
प्रक्रतिक धरोहर काट धरा को जलाया
✍? राज मालपाणी, शोरापुर