कविता

अमृत-कलश बाँट दो जग में

अगर हौसला तुम में है तो,
कठिन नहीं है कोई काम।
पाँच – तत्व के शक्ति – पुंज,
तुम सृष्टी के अनुपम पैगाम।

तुम में जल है, तुम में थल है,
तुम में वायु और गगन है।
अग्नि-तत्व से ओत-प्रोत तुम,
और सुकोमल मानव मन है।

संघर्ष आज, कल फल देगा,
धरती की शक्ल बदल देगा।
तुम चाहो तो इस धरती पर,
सुबह सुनहरा कल होगा।

विकट समस्या जो भी हो,
वह उसका निश्चित हल देगा।
नीरस जीवन में भर उमंग,
जीवन जीने का बल देगा।

सागर की लहरों से ऊँचा,
लिये हौसला बढ़ जाना है।
हो कितना भी घोर अँधेरा,
दीप ज्ञान का प्रकटाना है।

उथल-पुथल हो भले सृष्टि में,
झंझावाती तेज पवन हो।
चाहे बरसे अगन गगन से,
विचलित नहीं तुम्हारा मन हो।

पतझड़ आता है आने दो,
स्वर्णिम काया तप जाने दो।
सोना तप कुन्दन बन जाता,
वासन्ती रंग छा जाने दो।

संधर्षहीन जीवन क्या जीवन,
इससे तो बेहतर मर जाना।
फौलादी ले नेक इरादे,
जग को बेहतर कर जाना।

मानव-मन सागर से गहरा,
विष, अमृत दोनों हैं घट में।
विष पी लो विषपायी बन कर,
अमृत-कलश बाँट दो जग में।

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]