कविता

गोबर, तुम केवल गोबर हो

गोबर,

तुम केवल गोबर हो।

या सारे जग की, सकल घरोहर हो।

तुमसे ही निर्मित, जन-जन का जीवन,

तुमसे ही निर्मित, अन्न फसल का हर कन।

तुम आदि-अन्त,

तुम दिग्-दिगन्त,

तुम प्रकृति-नटी के प्राण,

तुम्हारा अभिनन्दन।

वैसे तो-

लोग तुम्हें गोबर कहते,

पर तुम, पर के लिए,

स्वयं को अर्पित करते।

तुम, माटी में मिल,

माटी को कंचन कर देते।

कृषक देश का,

होता जीवन-दाता।

उसी कृषक के,

तुम हो भाग्य-विधाता।

अधिक अन्न उपजा कर,

तुम, उसका भाग्य बदल देते।

और, तुम्हारे उपले-कंडे,

कलावती के घर में,

खाना रोज़ पकाते हैं।

तुमसे लिपे-पुते घर-आँगन,

स्वास्थ दृष्टि से,

सर्वोत्तम कहलाते हैं।

गोबर-गैस का प्लान्ट तुम्हारा,

सबसे सुन्दर, सबसे प्यारा।

खेतों में देता हरियाली,

गाँवों में देता उजियारा।

भूल हुई मानव से,

जिसने, तुम्हें नहीं पहचाना।

भूल गया उपकार तुम्हारे,

खुद को ही सब कुछ माना।

…आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]