गोवा घूमकर भारतीय विदेश यात्रा का लुत्फ उठाते हैं
विभिन्न पर्यटन स्थलों पर घूमना सभी का शौक होता है। भारत के कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं, जहां एक बार हर भारतीय जरुर जाना चाहता है। ऐसे भारतीय स्थानों में गोवा का नाम भी आता है। गोवा घूमने के नाम पर अपनेआप हर आदमी स्वयं को विदेशी सा महसूस करने लगता है, क्योंकि गोवा का रहन सहन और प्राकृतिक छटा व भौगोलिक बनावट बहुत कुछ पश्चिमी विदेशी देशों की संस्कृति से मिलती जुलती है। हांलाकि जो लोग गोवा में स्थायी रहते हैं, वे इस बात को बिल्कुल नहीं मानते। इसका कारण यह है कि गोवा को बाहर से आने वाले देशी व विदेशी पर्यटकों ने ऐसा रुप दिया है, वरना तो यहां के स्थानीय निवासियों में विशुद्ध भारतीयता भरी पड़ी है।
गोवा के समुद्रतट, चर्च, मंदिर और पुर्तगाली शैली की इमारतें तथा गोवन शैली का समुद्री भोजन सिर्फ उनके लिए जो मांसाहारी हैं, काफी आकृष्ट करता है। शुद्ध शाकाहारियों के लिए भोजन की थोड़ी परेशानी हो सकती है। परन्तु हल हर चीज का होता है, वैसा ही गोवा में भी कुछ शुद्ध शाकाहारी भोजनालयों की खोज से इस समस्या का हल निकल आता है।
गोवा में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस मौसम में यहां बहुतायत में पर्यटक आते हैं। जून से सितंबर तक यहां बहुत ही ज्यादा बारिश होती है, इसलिए पर्यटक घूमने का पूरा लुत्फ नहीं उठा सकते हैं। गोवा जाने के लिए पर्यटक हवाईजहाज से जा सकते हैं, इसके लिए इंडियन एयरलाइन्स सहित कई घरेलू एयरलाइनों की हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। ट्रेन और बस की भी अच्छी सुविधाएं हैं। ट्रेन से लोग गोवा के दो प्रमुख मडगांव या वास्को-द-गामा रेलवे स्टेशनों तक पहुंचते हैं। हाल ही में रेल मंत्रालय ने मुंबई से गोवा के करमाली रेलवे स्टेशन तक के लिए एलईडी टीवी, टी और काफी की मशीन, कैटरिंग, बायो वैक्यूम टायलेट, जीपीएस सूचना डिस्प्ले स्क्रीन के अलावा कई सुविधाओं से लैस एक 19 कोच वाली वातानुकूलित तेजस एक्सप्रेस शुरु की है। यह रेलगाड़ी मुंबई-गोवा मार्ग पर गैर-मानसून मौसम में सप्ताह में पांच दिन (मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार) चलाई जाएगी। परन्तु अभी मानसूनी मौसम के दौरान 10 जून से 31 अक्टूबर तक इसे सप्ताह में तीन दिन (सोमवार, बुधवार और शनिवार) चलाया जा रहा है।
एक बार गोवा पहुंचकर यहां ठहरने और घूमने की भरपूर ऑनलाइन व ऑफलाइन सुविधाएं लोगों को आसानी से मिल जाती हैं। लोग पहले से भी सब कुछ बुक करवा लेते हैं या फिर गोवा पहुंचकर भी इसका इंतजाम हो जाता है। जिन लोगों को कम समय में गोवा घूमना होता है, वे दो दिन में नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा के दर्शनीय स्थल घूमकर लौट भी जाते हैं। आराम से गोवा को घूमने में एक सप्ताह से एक महिने तक का समय भी कम लगता है। इसी साल मई में गोवा में पर्यटकों के लिए एक विशेष हॉप-ऑन-हॉप ऑफ बस सेवा शुरू की गई है। इसके लिए गोवा की राजधानी पणजी और उसके आसपास के लोकप्रिय स्थलों को देखने के लिए खुली छत वाली डबल डेकर और सिंगल डेकर बसें चलाई जा रही हैं। इस सेवा के तहत बस का पास लेकर पर्यटक अपनी रुचि के पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं और वे चाहें तो बस से उतर कर किसी स्थल पर ज्यादा समय बिता सकते हैं और दूसरी हॉप-ऑन-हॉप ऑफ बस ले सकते हैं। हॉप-ऑन-हॉप ऑफ बस का पास 24 घंटे के लिए मान्य होता है। इससे लोग किसी भी पर्यटन स्थल पर जितना चाहे समय बिता सकते हैं।
वैसे तो दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं, परन्तु भारतीय पर्यटकों के लिए गोवा किसी विदेश से कम नहीं होता। गोवा को पर्यटक बिना वीजा-पासपोर्ट वाला देशी विदेश मानते हैं। गोवा घूमकर लोग विदेश हो आने का मजा ले आते हैं। गोवा में घूमने के लिए बहुत से बीच तो हैं हीं, साथ में कई मंदिर और चर्च भी हैं, जिनको देखकर असीम शांति का अनुभव होता है। गोवा के बीचों में कालमगूट, मीरामार, डोनापाला, कोलवा, मेजोरडा, बोगमालो, मोबोर, अंजना, वागाटोर, बेतालबाटिम और बागा ज्यादा मशहूर हैं। इनके अलावा भी और कई बीच गोवा के स्थानीय बीचों की श्रेणी में आते हैं। साथ ही यहां के प्रसिद्ध मंदिरों में मंगेशी, शांतादुर्गा, महालक्ष्मी मंदिर लोग जरुर जाते हैं। यहां कई वन्यजीव अभयारण्य भी हैं, जिनमें बोंडला वन्यजीव अभयारण्य और कोटिगाव वन्यजीव अभयारण्य का नाम ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके अलावा गोवा राज्य संग्रहालय, नैवेल एविएशन संग्रहालय, पुरातत्व संग्रहालय और पौट्रेट गैलेरी, गोवा साइंस सेंटर, जेपानीज़ गार्डन, आदि कुछ और जगहें भी हैं, जहां भी पर्यटक जाना पसंद करते हैं। यहां के अगधा फोर्ट, तिरकोल किला, और बैसिलिका ऑफ बोम जीसस, सेंट ऑगस्टिन चर्च, सेंट एण्ड्रूज़ चर्च आदि कई और स्थान हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। गोवा में शॉपिंग करना थोड़ा मंहगा है, पर आने वाले सैलानी कुछ तो याद स्वरुप ले जाना पसंद करते ही हैं, इसके लिए पणजी और मडगांव के मुख्य बाजार से सामान ले सकते हैं, या फिर परम्परागत चीजें खरीदने के लिए मापुसा और अंजना के बाजार काफी प्रसिद्ध हैं और लगभग सभी बीचों के पास लगे बाजारों से भी पर्यटक सामान खरीद लेते हैं।