सफेद पोशाक
सफेद पोशाक में, काला दिमाग रखता है वो।
सेवक बनकर सेवा का लाभ उठाता है वो।।
अजीब तरह का हुनर रखता है वो।
झुठ को सच, सच को झुठ कहता है वो।।
उसके बातो पर भरोसा इस कदर कर लेते हैं हम।
जैसे हरिशचन्द्र के तरह, सच कहता है वो।।
जो किया नहीं, उसे कहता नहीं, करेंगे।
एक किए काम को, हर जगह बखान करता है वो।।