कविता : सुगन्ध किताबों की
अच्छी-सी
किताब की
सुगन्ध
लुभा लेती है
मेरे मन को
और सुगन्ध तो
नई किताब से भी
आती है
मगर वो
अच्छी न हो तो
याद दिला जाती है
उस पर खर्च किये
वो अपने
थोड़े से पैसे
जो उस वक़्त मेरे लिए
अनमोल थे।
अच्छी-सी
किताब की
सुगन्ध
लुभा लेती है
मेरे मन को
और सुगन्ध तो
नई किताब से भी
आती है
मगर वो
अच्छी न हो तो
याद दिला जाती है
उस पर खर्च किये
वो अपने
थोड़े से पैसे
जो उस वक़्त मेरे लिए
अनमोल थे।