कविता

मैं नास्तिक हूँ

ख़ुदा
मुझे पता है
तू सब कुछ कर सकता है
फिर भी
कुछ तो है
जो तू नहीं कर सकता।

तू भी मेरी तरह है
जो सोचता है
वही करता है
फिर भी
कुछ न कुछ बाकी रह जाता है
जैसे
मुझ से भी काफी कुछ छूट जाता है।

मैं समझता था
तू अन्जान है
लेकिन
तू जानबूझ कर
अन्जान बनता है।

तुझे मेरा खुशी और ग़म
दिखाई तो देता है
मगर
तू मुँह फेर लेता है
तुझे मेरी चीखें
सुनाई तो देती हैं
मगर
तू कान बन्द कर लेता है।

तुझे सब ख़बर रहती है
कि मुझ पे
कैसे-कैसे ज़ुल्मों-सितम ढाया जा रहा है।

मगर
तू भी मजबूर है
तूने भी
दुनियादारी सीख ली है
तू भी
मतलबी हो चुका है
मैं तुझ पे विश्वास नहीं करता हूँ
अपना काम तेरे भरोसे नहीं छोड़ता हूँ
मस्जिद और दरगाह नहीं जाता हूँ
तो फिर
तू ही भला
मेरा क्यों ध्यान दे।

मैं छाती ठोककर कहता हूँ
‘मैं नास्तिक हूँ’

मगर
अब तू बता
तू क्या है
जो मुझे इस मतलबी दुनिया में
अकेला छोड़ कर चला गया
मुझे तो लगता है
तू मतलबी है
तूने मुझे औरों की भाँति
अपना सजदा करने के लिए
जमीं पे भेजा था न।

मगर
तू सुन ले
मैं ऐसा नहीं करूँगा
मैं मेहनतकश इंसान हूँ
मैं तेरे भरोसे नहीं जीऊँगा

अमन चांदपुरी

परिचय – मूल नाम- अमन सिंह जन्मतिथि- 25 नवम्बर 1997 पिता – श्री सुनील कुमार सिंह माता - श्रीमती चंद्रकला सिंह शिक्षा – स्नातक लेखन विधाएँ– दोहा, ग़ज़ल, हाइकु, क्षणिका, मुक्तक, कुंडलिया, समीक्षा, लघुकथा एवं मुक्त छंद कविताएँ आदि प्रकाशित पुस्तकें – ‘कारवान-ए-ग़ज़ल ‘ 'दोहा कलश' एवं ‘स्वर धारा‘ (सभी साझा संकलन) सम्पादन – ‘ दोहा दर्पण ‘ प्रकाशन – विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा वेब पर सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित सम्मान – प्रतिभा मंच फाउंडेशन द्वारा ‘काव्य रत्न सम्मान‘, समय साहित्य सम्मेलन, पुनसिया (बांका, बिहार) द्वारा 'कबीर कुल कलाधर' सम्मान, साहित्य शारदा मंच (उत्तराखंड) द्वारा ‘दोहा शिरोमणि' की उपाधि, कामायनी संस्था (भागलपुर, बिहार) द्वारा 'कुंडलिया शिरोमणि' की मानद उपाधि, उन्मुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा 'ओमका देवी सम्मान' एवं तुलसी शोध संस्थान, लखनऊ द्वारा 'संत तुलसी सम्मान' से सम्मानित विशेष - फोटोग्राफी में रुचि। विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं तथा वेब पर फोटोग्राफस प्रकाशित पता – ग्राम व पोस्ट- चाँदपुर तहसील- टांडा, जिला- अम्बेडकर नगर (उ.प्र.)- 224230 संपर्क – 09721869421 ई-मेल – [email protected]