“कुंडलिया”
बिंदी पाई पागड़ी, स्वर हिंदी अभिमान
क ख से ज्ञ तक वर्ण सभी, गुरुवर की पहचान
गुरुवर की पहचान, चंद्र आकार चांदनी
गुरु पूनम दिनमान, दिव्यता अंकुर अवनी
गौतम गर्वित ज्ञान, नम्रता लाए हिंदी
नमन करूँ गुरुपाद, सुशोभित माथे बिंदी।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी