सहारा दे दो……
ठूँठ हो रहा है,
पूरे घर को पालने वाला
फलदार वृक्ष
कभी वह अकेले ही
पोषक बन खड़ा था
डाली डाली
फल लगा था
समय की मार उसको भी है
वह बूढ़ा हो रहा है
यह भी इच्छा के विपरित हो रहा है
छाया मे उसके पलने वाले
जीवन भर की गाढ़ी
कमाई खाने वाले
तुम क्या सिर्फ देखोगे
या कर्तव्य भी पूरा करोगे
इरादों की कमी नही है उसमे,
तुम थोड़ा सहारा बन जाओ
सूखने न पाएँ भरणकर्ता,
थाले जो सूख गये हो
तो उसमें पानी भर दो
कुछ चार-आठ नये रोप दो,
उनका परिवार भर दो
तुम भी भरे रहोगे
सदैव खुशहाल रहोगे
-रामेश्वर मिश्र
भदोही
8115707312