आहट
हर आवाज
क्यों तेरी आहट सी लगती है
हर साज़
क्यों तेरी चाहत सी लगती है
तू मुझमे है
या मैं हूँ तुझमे
आज बस यह बता जा
जब से आयी है मेरे जीवन मे
क्यों मुझे अपनी मायूस आंखें भी
मुस्कुराहट सी लगती है
हर आवाज
क्यों तेरी आहट सी लगती है
#महेश
हर आवाज
क्यों तेरी आहट सी लगती है
हर साज़
क्यों तेरी चाहत सी लगती है
तू मुझमे है
या मैं हूँ तुझमे
आज बस यह बता जा
जब से आयी है मेरे जीवन मे
क्यों मुझे अपनी मायूस आंखें भी
मुस्कुराहट सी लगती है
हर आवाज
क्यों तेरी आहट सी लगती है
#महेश