योगी सरकार के पहले बजट ने दिये शुभ संकेत
11 जुलाई 2017 को उप्र विधानसभा में भाजपा सरकार का पहला बजट पेश किया गया। योगी सरकार के पहले बजट को लेकर आम जनमानस में काफी उत्सुकता थी। इस उत्सुकता व उम्मीदों को योगी सरकार का पहला बजट पूरा करने में सक्षम रहा है। पहले बजट का आकार भारी भरकम रखा गया है। योगी सरकार का पहला बजट संकल्प पत्र को पूरा करने का एक अभिनव प्रयास है। लेकिन अब योगी सरकार के सामने बड़ी समस्या और चुनौती यह है कि सरकार की सभी योजनायें कागजी धरातल पर न सीमित रह जायें अपित ु सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता को वास्तविकता के आधार पर मिल सके। जब जनता को सरकार की योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा तब ही योगी सरकार सफल मानी जायेगी। अभी तो सरकार के बहुत प्रारम्भिक दिन हैं जिसमें कानून और व्यवस्था एक बड़ी गंभीर चुनौती बनकर समाने आयी हैं। अब देखना यह है कि योगी सरकार का पहला बजट किसानों, छात्रों और महिलाओं तथा समाज के अन्य लोगों को कितनी राहत देता है। योगी सरकार का पहला बजट 3,84,659.71 करोड़ रुपये का है।
योगी सरकार का पहला बजट समानता पर आधारित व भगवा एजेंडे को आगे बढ़ाने वाला है। यह किसानों को समर्पित बजट है। युवाओं व छात्राओं के हित में बजट बनाया गया है। अब बजट में वीआईपी-गीरी समाप्त हो गयी है। अब अयोध्या, मथुरा काशी नये वीआईपी क्षेत्र बन गये हैं। गांवों के साथ नये शहरों के विकास पर भी ध्यान रखा गया है। सबसे बड़ी बात यह हुई कि आजादी के 70 साल बाद उप्र का बजट प्रस्तुत करते समय प्रदेश के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने भगवान श्रीराम को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक भगवान राम को नमन करना व समरण करना हमारी प्रतिबद्धता है। यही कारण है कि प्रदेश के सभी भाजपा विरोधी दल बजट का कड़ा विरोध कर रहे हैं तथा प्रदेश की जनता के साथ धोखा करार दे रहे हैं। प्रदेश की 70 साल पुरानी विचारधाराओं से प्रभावित अर्थशास्त्री भी बजट की आलोचना कर रहे हैं।
बजट की आलोचना का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि बजट में मुस्लिम तुष्टीकरण नहीं किया गया हैं, बजट में किसी परिवार विशेष व जाति विशेष का तुष्टीकरण नहीं किया गया है। जरा याद करिये सपा व बसपा की सरकारों के बजट को, अंतर स्वतः पता चल जायेगा। बजट में कोई भी योजना भेद पर आधारित नहीं है। पिछली सरकार कन्या विद्या धन योजना लायी थी, पर वह तुष्टीकरण कर रही थी। लेकिन योगी सरकार ने लड़कियों की स्नातक की पढ़ाई निःशुल्क कर दी है। इसके लिए अहिल्याबाई कन्या शिक्षा योजना की घोषणा की गयी है तथा इसके लिए 21 करोड़ से अधिक का प्रावधान भी किया गया है।
बजट में 36 हजार करोड़ रूपये लघु एवं सीमांत किसानों की कर्जमाफी के लिए रखे गये हैं। यह योगी सरकार का एक बहुत बड़ा गिफ्ट प्रदेश के किसानों के लिये है। उप्र में किसानों की कर्जमाफी योजना पर पूरे देश की निगाहें लगी हुयी थीे तथा मीडिया में चर्चा का विषय भी था। अब प्रदेश के बजट में लोहियावाद व समाजवाद तथा अल्पंसख्यकवाद लगभग समाप्त हो गया है। प्रदेश के बजट में अब धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साफ संकेत मिल गये हैं। विगत 70 सालों से अयोध्या, मथुरा, काशी व अन्य तीर्थ स्थल उपेक्षा का दंश झेल रहे थे। लेकिन अब योगी सरकार में ऐसा नहीं होने जा रहा। अयोध्या में सावन झूला, मथुरा में गीता शोध संस्थान व कृष्ण संग्रहालय शुरू होगा। वाराणसी में 200 करोड़ में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जायेगी। गाजियाबाद में मान सरोरवर भवन, विध्यांचल के विकास के लिये 20 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। पर्यंटन के विकास के लिये 25 करोड़ में हेलीकाप्टर सेवा का व्यापक विस्तार किया जा रहा है। अयोध्या, मथुरा व वाराणसी में प्रासाद योजना के लिये 800 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार रामायाण कान्क्लेव के लिये मीन करोड़ रूपये रखे गये हैं।
बजट में शहरों के आधुनिकीकरण का भी ध्यान रखा गया है। निकाय चुनावों से पहले शहरों को बंपर सौगात तो दी गयी है लेकिन क्या यह सभी चुनावों से पहले पूरी हो पायेंगी, यह योगी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आने वाला है। शहरों में गरीबों के लिए घर उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिये आवास मिशन योजना के लिये बजट में तीन हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। गंगा, यमुना व गोमती के तटों पर स्थित नगरों में साफ-सफाई के लिये 15 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। 1500 करोड़ रूपये 13 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिये रखे गये हैं। बजट में बुंदेलखंड पर भी ध्यान दिया गया है। पूरे बजट पर यदि गहन दृष्टि डाली जाये तो यह साफ हो रहा है कि बजट में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय व हिंदुत्व का समावेश हो गया है। यदि किसी कारणवश अयोध्या में मंदिर निर्माण में फिर बाधा आती है, तो हिंदू जनमानस व संघ को शांत रखने के लिए बजट में व्यापक व्यवस्था की गयी है।
बजट में किसानों की कर्जमाफी से लेकर युवाओं को फ्री वाई फाई देने के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है। मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था बजट में की गयी है। 24 वर्षाें के बाद राज्य में एक ऐसा बजट आया है जिस पर केंद्र की छाप है। प्रदेश के बजट में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त में एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा व एक स्वेटर उपलब्ध कराने के लिये 300 करोड़ का इंतजाम किया गया है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को स्कूली बैग के लिए 100 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। सरकार ने 2 अक्टूबर 2018 तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त रखने का लक्ष्य रखा है। इसी प्रकार बिजली के क्षेत्र में 2018 अक्टूबर तक सभी को बिजली देने का लक्ष्य भी रखा गया है। सड़कों को गडढा मुक्त करने का अभियान चलता रहेगा। प्रदेश के बजट में पुलिस कर्मियों की भर्ती का ऐलान किया गया है।
बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उनकी सरकार ने फिजूलखर्ची रोककर व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर खर्च कम किया है। किसानों की कर्जमाफी के लिये न तो किसी के आगे हाथ फैलाया गया और न ही लोन लिया गया। यह बजट सबका साथ सबका विकास पर आधारित है। जनता की भावनाओं का पूरा ध्यान रख गया है। यह बजट अभी आठ महीने के लिये ही है। इसलिय योगी सरकार अभी केवल अपनी ही योजनाओं पर फोकस कर रही है। विपक्ष तो आलोचना करेगा ही वैसे भी उसकी जमीन अंदर तक हिल गयी है। अब प्रदेश का विकास समानता पर आधारित होने जा रहा है। यही बात सबसे अलग होने जा रही है।
— मृत्युंजय दीक्षित