“हाइकु”
कुछ भी कहो
बन अपना रहो
हँसते फिरो॥-1
प्रेम से रहो
संस्कार कहते हैं
उदार बनो॥-2
जीवन जी लो
सुंदर बचपन
भूल न जाना॥-3
दिव्य दर्शन
मूरत बोलती है
पढ़ो तो जानो॥-4
ऋषि प्रसाद
मेवा मिश्री मेवात
सर्व हिताय-5
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी
कुछ भी कहो
बन अपना रहो
हँसते फिरो॥-1
प्रेम से रहो
संस्कार कहते हैं
उदार बनो॥-2
जीवन जी लो
सुंदर बचपन
भूल न जाना॥-3
दिव्य दर्शन
मूरत बोलती है
पढ़ो तो जानो॥-4
ऋषि प्रसाद
मेवा मिश्री मेवात
सर्व हिताय-5
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी