तैयारी इलाहाबाद मे (हास्य -कविता)
मिश्रित अवधी भाषा मे एक हास्य-कविता का प्रयास…..
सुंदर भैया करैं तैयारी, जाइके इलाहाबाद
बाप रहे अधियाँरे मे, बेटा बिजली मे आबाद
सुंदर- सुंदर भोजन पकावें, खायें सुंदर भैया
पिता बतावें सबके ,बेटा करत बा बड़की पढ़ैया
सुंदर भैया क मन बा, करब नौकरी सरकारी
चाहे बनब सेक्रेटरी सी एम क, या विभाग आबकारी
रोज घूमैं नैनी पुल, लइकी – लइका चारि
रूआब देखावई रिक्शा वाले से, देई बेचारे के गारी
हर पार्क हर चौराहा, सुंदर छानै इलाहाबाद
न कोचिंग न किलास , फिर भी होई जुगाड़ से पास
साल बिताएन एहि भाँति, सुंदर भैया तीन
नाही मिला अबै नौकरी, तड़पई जैसे मीन
सबके आँख मे धूल झोंक के, करेन हमेशा मौज
चटकी बा अब नेतागिरी, बनाये हैन “अखिल भारतीय बेरोजगार फौज”
रामेश्वर मिश्र
भदोही
8115707312