कविता

कविता : कुछ प्रकृति की ओर से…

तुम आधुनिकता से ,
उत्तर आधुनिकता
की ओर आ गए,
कर ली होड़
जीत ली बाज़ी
दे सकते हो मात नियति को,
फिर क्यों
कराह है, क्यों अश्रु जल से
पूरित हो ?
कर लिया है निर्माण
हर तरह का साँचा
टेस्ट ट्यूब बेबी हो या
मानव क्लोन !
कृतिम सांसें,
कृतिम अंग .
भौतिकता से
अटे पड़े हैं
तुम्हारे दिग
और जारी है विस्तार
ऐ मनुज !
कर लो निर्माण
एक और धरा की ,
ले आओ
एक सूर्य और,
चन्द्र भी कहीं से,
जब सब कुछ है
तुम्हारे हाथों में |
फिर तबाही से
क्यों विस्मित हो ?
असमय ही गर्त में
ले जायेगा
अंध दौड़ |
धरा ,
खाद की जगह लहू लेगी,
मौत की फसल खिलायेगी
अपने अंक में |
कौन श्रेष्ठ प्रकृति या पुरुष ?

— रजनी मल्होत्रा नैय्यर

रजनी मल्होत्रा नैय्यर

जन्म स्थान -- झारखण्ड के पलामू जिले (कुमंदी ग्राम )लालन -पालन रांची में | जन्म की तिथि -- ७-जून- वर्तमान पता -- बोकारो थर्मल (झारखण्ड) शिक्षा -- झारखण्ड एवं उ .प्र में. इतिहास (प्रतिष्ठा) से बी.ए.संगणक विज्ञान में बी .सी. ए. एवं हिंदी से बी.एड . रांची इग्नोऊ से हिंदी में स्नातकोत्तर | इतिहास में स्नातकोत्तर | हिंदी में पी.एच. डी. चल रही | भाषा लेखन --हिंदी, पंजाबी, उर्दू. लेखन- गीत, ग़ज़ल, कहानियां, कविताएँ. सम्प्रति -- ( संगणक विज्ञान की शिक्षिका) मेरी प्रथम काव्यकृति -- "स्वप्न मरते नहीं “ संकलन काव्य संग्रह " ह्रदय तारों का स्पन्दन " ," पगडंडियाँ " व् मृगतृष्णा में मेरी ग़ज़ल | प्रकाशन की प्रतीक्षा में -- कहानी संग्रह ,व् दूसरी कविता संग्रह | प्रकाशाधीन -- चाँदनी रात ( ग़ज़ल गीतिका संग्रह ) विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित . मंच पर सामयिक सामाजिक राजनीतिक व् नारी सम्बन्धित रचनाओं का काव्य पाठ | हिंदी विकाष परिषद् द्वारा सम्मान प्राप्त |19 वां अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन 2011 (आगरा )में सम्मानित २० वां अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन 2012 (गाज़ियाबाद )में सम्मानित | साहित्यांचल द्वारा रंजना चौहान सम्मान २०१३ भीलवाड़ा राजस्थान से प्राप्त |सुरभि सलोनी पत्रिका में "वो बुरी औरत " चर्चित धारावाहिक कहानी मेरे द्वारा लिखे गए | हिंदी पत्रिका वागर्थ, कादम्बिनी, पाखी, अदबी दहलीज़ , आदि के साथ – साथ, अंतरजाल पर रचनाएँ प्रकाशित | पंख पत्रिका की सलाहकार , कनाडा की त्रैमासिक पत्रिका हिंदी चेतना में रचनाएँ प्रकाशित |अब्जद , इंसा , बिहार उर्दू एकेडमी, उर्दू टुडे, अदीब कर्नाटक उर्दू एकेडमी ,सदा कश्मीर, ज़र्रीन शोआयें, बंगलौर, उफ़ुके अदब, महफिले फनकार, आजकल दिल्ली , आदि उर्दू पत्रिकाओं में , रचनाएँ प्रकाशित ." माँ दा नाम ध्या लौ भगतों " पंजाबी सी. डी . के गीत मेरे द्वारा लिखे गए।