कान्हा आ जाना
बाट देखूं मैं तेरी बेकरारी से
कान्हा तू आ जाना …..२
आ जाना ….फिर ना जाना …..२
फिर से मुरली बजाना प्यारी प्यारी
मधुर धुन सुना जाना
बाट देखूं मैं तेरी बेकरारी से
कान्हा तू आ जाना ….२ ।।
तुझको सुमिरुं मैं खुद को बिसारी
तू किरपा दिखा जाना
भोग लडुअन के ओ गिरिधारी
तू आके लगा जाना
बाट देखूं मैं तेरी बेकरारी से
कान्हा तू आ जाना …..2
(सभी पाठकों को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं । )
आदरणीय भाईसाहब । सुंदर प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ।
सुन्दर भजन ,राजकुमार भाई .