गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल


“गज़ल”

तुझे दर्द कहूँ या खुशी
आंखों को चुभी बेवशी
छुट हाथ ले लो तिरंगा
अभी उम्र है, कि बदनशी।।

भूख आजादी गरीबी
आहत आँसू है कि हँसी।।

भूख पक गई इक रोटी
बता कैसी है खुदकशी।।

निहार तो इनका बचपन
किधर ले आई मयकशी।।

ध्वज रोहण वंदे मातरम
जय जय जय स्वतंत्र वर्षी।।

‘गौतम’ ये दृश्य तो देख
कोमल अंकुर पथ अरि सी।।

महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ