आओ साथी
आओ साथी
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आओ साथी एक दीप जला दें ,
ये घनघोर अंधेरा ,कुछ तो मिटा दें l
मानव हैं हम,मानवता की खातिर-
मिलकर लंकेशों की लंका जला दें ll
× × × × × ×
भगवान राम के पगचिन्हों पर चलकर,
दया ,धर्म और मित्रभाव को लेकर l
सब जन संसार की तसवीर बदल दें –
मर्यादा के पावन पथ पर चलकर ll
___मुकेश कुमार “ऋषिवर्मा”
ग्राम रिहावली,फतेहाबाद,
आगरा, उत्तर प्रदेश
चल.९६२७९१२५३५