बाल कविता
गरम समोसा
गरम जलेबी
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पापा – पापा मोटूराम हलवाई की दुकान पर
हमको ले जाओ
गरम समोसा
गरम जलेबी
हमें खिलाओ ||
पापा – पापा देखो – देखो
गोल – मटोल
कितने सुघड़ समोसा
लच्छेदार रसभरी
जलेबी लाल – लाल ||
पापा – पापा हमें दिलाओ,
मत कोरी बातों से हमको बहकाओ |
चलो – चलो पेटभर खाओ और खिलाओ ||