कश्मीर हमारा है
भारत माँ के मस्तक जगमग
करता एक सितारा है,
वो कश्मीर हमारा है।।
बर्फ की चादर श्वेत ओढ़ कर हिमनग पहरा देते हैं
वीर सिपाही शान तिरंगा घर-घर फहरा देते हैं
शांत सहज डल झील में चलता फूलों सजा शिकारा है..
वो कश्मीर हमारा है।।
हवा स्वयं को करने सुरभित आती केसर घाटी में
चंदन जैसी खुश्बू आती जिसकी पावन माटी में
नैसर्गिक सौंदर्य से लिपटा जिसका गजब नजारा है..
वो कश्मीर हमारा है।।
जहाँ चिनारों के पत्तों से ओस की यारी रहती है
सेब के बागों में खंजन की पहरेदारी रहती है
झेलम के शुचि शीतल जल ने इसका रूप संवारा है..
वो कश्मीर हमारा है।।
भारत माँ के मस्तक जगमग
करता एक सितारा है,
वो कश्मीर हमारा है।।
© ®
अंकिता कुलश्रेष्ठ
आगरा