बेटियाँ
गुड़ियाँ ही नहीं होती बेटियाँ
कि सजाई सँवारी जायें
होती हैं मनु और पद्मा भी
खेल जान पर अपनी देश का गौरव बढ़ायें
बेटियाँ होती हैं ममता
सींच नये पौधे को
उपवन नया बनाये
चिड़ियाँ ही नहीं होती बेटियाँ
कि एक उम्र बाद उड़ जायें बिदेस
होती हैं घर का आँगन और अटारी भी
जो रौनकें लगायें और कुल का मान भी बढ़ायें
बेटियाँ होती है घर की धुरी
अलग अलग रूपों में
घर मजबूत बनायें
– शिप्रा