खबरों की खबर
विमान से पक्षी टकराया विमान ने की सुरक्षित आपात लैंडिंग….
विमान हुआ दुर्घटनाग्रस्त सभी यात्री सुरक्षित…
ये दोनों ही तरह की खबरें देश के प्रमुख समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनल में प्रमुख स्थान पा लेती हैं।
लेकिन बस दुर्घटना में एक दर्जन से भी ज्यादा मृतकों की खबर स्थानीय होती है और वह अगर राष्ट्रीय/प्रादेशिक पृष्ठ में छपती है तो सिंगल कॉलम में निपटा दी जाती है।
अब गुड़गांव के ब्रांडेड रेयान स्कूल में एक छात्र की गला रेतकर हत्या कर दी गयी है। बड़ी दुःख दायी घटना है और समाज को झंकझोर देने वाली भी। इस घटना के साथ ही सीबीएसई के स्कूलों की सुरक्षा और उनकी मान्यता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन शुरू हो गया है। इस चिंता और चिंतन में वे लोग भी शामिल हैं जो खटारा और असुरक्षित बस में सफर करते हुये विमान दुर्घटना को लेकर परेशान होते हैं और उसे राष्ट्रीय समस्या मान बैठते हैं। रेयॉन जैसे सुरक्षित और ब्रांडेड स्कूल में घटित मार्मिक घटना को लेकर वे लोग भी चिंतित हैं जिनके बच्चे बिना बाउंड्रीवाल के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं। वे पालक भी चिंतित हैं जिनका बच्चा पोखर/नाले के किनारे बने स्कूल में पढ़ रहा है।
गुरुवार को छिन्दवाड़ा में पांचवीं के एक छात्र ने स्कूल प्रबंधन और परिजनों से डरकर आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटना ने सुर्खियां नहीं बटोरी न ही समाज का बड़ा तबका चिंतित हुआ। क्योंकि यह घटना छिन्दवाड़ा जैसे छोटे कस्बे में घटित हुयी, दूसरा छात्र एक छोटे से निजी स्कूल का छात्र था और तीसरा आत्मदाह करने वाला छात्र एक चाय बेचने वाले का बेटा था।
जब तक हादसों, दुर्घटनाओं पर चिंतित होने का पैमाना धनाढ़्य और बड़े शहर होंगे तब तक इस देश में सुधार की गुंजाईश नहीं है।
क्योंकि विमान दुर्घटना के बाद सिर्फ विमान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर नियम बनता है। रेयॉन की घटना के बाद जल्द ही सीबीएसई से संबंधित स्कूलों को लेकर नियम कायदे सख्त हो जाएंगे लेकिन देश की उस बहुसंख्यक आबादी को भगवान और मुआवजे के भरोसे छोड़ दिया जायेगा जो अभी भी मध्यान्ह भोजन की खातिर अपने बच्चों को स्कूल भेजती है।
सचिन श्रीवास्तव