इक कहानी लिखूं
सोचती हूँ इक कहानी लिखूं
तेरी और मेरी जुबानी लिखूं
लिखूं हाल ऐ दिल अपना
या सपनों की रवानी लिखूं
अरमानों की लिखूं ग़ज़ल, यां
आँखों का बहता पानी लिखूं
बनाऊ नए फ़साने फिर से, या
कहानी फिर वही पुरानी लिखूं
सजाऊ तेरे सपनो का काजल
या अपनी चुनर धानी लिखूं
गुनगुनाऊँ इश्क़ का कलाम , या
खुद को तुझसे अनजानी लिखूं।