लघुकथा

स्वच्छ भारत 

सभा को संबोधित करते हुए नेताजी ने कहा – हमें न्यू इंडिया बनना। स्वच्छ भारत निर्माण हमारा ध्येय है। किसी भी प्रकार की गंदगी हम नहीं फैलने देंगे। कूडा-करकट का नामोनिशान नहीं रहने देंगे। भारत को सुंदर बनाने के लिए हम जान तक दे देंगे। नेताजी की बात सुनकर मंत्रमुग्ध हुई जनता ने तालियों का पहाड़ खड़ा कर लिया। संबोधन समाप्त होते ही नेताजी मंच के कोने में मुंह में भरे मसाले को थूंकते हुए चल दिये और नेताजी द्वारा बांटे गये नाश्ते के पैकेट में से नाश्ते को भूख लगी दीमक की तरह साफ कर खाली पैकेट को जनता इधर-उधर फेंककर चलती बनी। मंच के नेपथ्य में खड़ी गांधी की मूर्ति अब मुस्कुरा रही थी।

देवेन्द्रराज सुथार

देवेन्द्रराज सुथार , अध्ययन -कला संकाय में द्वितीय वर्ष, रचनाएं - विभिन्न हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। पता - गांधी चौक, आतमणावास, बागरा, जिला-जालोर, राजस्थान। पिन कोड - 343025 मोबाईल नंबर - 8101777196 ईमेल - [email protected]

2 thoughts on “स्वच्छ भारत 

  • राजकुमार कांदु

    नेताओं की कथनी और करनी में फर्क होता ही है । बहुत सुंदर !

    • देवेन्द्रराज सुथार

      आभार !

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