ग़ज़ल- वह मुहब्बत में फ़ना हो जाएगा
मत कहो हमसे जुदा हो जाएगा ।
वह मुहब्बत में फ़ना हो जाएगा ।।
इश्क के इस दौर में दिल आपका ।
एक दिन मेरा पता हो जाएगा ।।
धड़कनो के दरमियाँ है जिंदगी ।
धड़कनो का सिलसिला हो जाएगा ।।
इस तरह उसने निभाई है कसम ।
वह हमारा देवता हो जाएगा ।।
ऐ दिले नादां न कर मजबूर तू ।
वो मेरी ज़िद पर ख़फ़ा हो जाएगा ।।
पत्थरो को फेंक कर तुम देख लो ।
आब का ये कद बड़ा हो जाएगा ।।
मत निकलिए इस तरह से बेनकाब ।
फिर चमन में हादसा हो जाएगा ।।
अब अना से बढ़ रहीं नज़दीकियां ।
रहमतों से फ़ासला हो जाएगा ।।
— नवीन मणि त्रिपाठी