गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल- वह मुहब्बत में फ़ना हो जाएगा

मत कहो हमसे जुदा हो जाएगा ।
वह मुहब्बत में फ़ना हो जाएगा ।।

इश्क के इस दौर में दिल आपका ।
एक दिन मेरा पता हो जाएगा ।।

धड़कनो के दरमियाँ है जिंदगी ।
धड़कनो का सिलसिला हो जाएगा ।।

इस तरह उसने निभाई है कसम ।
वह हमारा देवता हो जाएगा ।।

ऐ दिले नादां न कर मजबूर तू ।
वो मेरी ज़िद पर ख़फ़ा हो जाएगा ।।

पत्थरो को फेंक कर तुम देख लो ।
आब का ये कद बड़ा हो जाएगा ।।

मत निकलिए इस तरह से बेनकाब ।
फिर चमन में हादसा हो जाएगा ।।

अब अना से बढ़ रहीं नज़दीकियां ।
रहमतों से फ़ासला हो जाएगा ।।

नवीन मणि त्रिपाठी

*नवीन मणि त्रिपाठी

नवीन मणि त्रिपाठी जी वन / 28 अर्मापुर इस्टेट कानपुर पिन 208009 दूरभाष 9839626686 8858111788 फेस बुक [email protected]